हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित राशन गोदाम से जहां प्रतिमाह करोड़ों रुपए का गरीबों के पेट में जाने वाला चावल ,राशन माफियाओं व गोदाम के साबू और बाबुओं के पेट में चला जाता है। उस पर आज तक राशन माफिया योगी का पूर्ण तरीके से नियंत्रण है, योगी अपने चेले चंदू को सुबह ही राशन गोदाम पर भेज देता है, और यह चंदू जिस तरीके से भी चाहता है गोदाम का संचालन उस तरीके से चलता है, क्योंकी चंदू के बारे में गोदाम के साबू और बाबू को पता है, की यह योगी का चेला है। और योगी इन गोदाम के साबू और बाबू का एक तरीके से माई बाप बना हुआ है।
उत्तराखंड राज्य सरकार की योजना को राशन माफिया व गोदाम के साबू और बाबू लगा रहे है पलीता।
ज्वालापुर गोदाम से जो चावल ब्लैक मार्केट में बेचा जाता है ,उस चावल को उत्तराखंड राज्य सरकार गरीब लोगों के लिए निशुल्क प्रदान करती है। और यह चावल जनपद के राशन विक्रेताओं के माध्यम से गरीबों को वितरित करने के लिए दिया जाता है, लेकिन यह चावल गरीबों के पेट में न जाकर राशन माफिया योगी व गोदाम के साबू और बाबुओं के पेट में चला जाता है। और साथ ही इस चावल की बिक्री से जो लाखो की आमदनी होती है, जो मोटा धन प्राप्त होता है, वह इन लोगों की तिजोरियों में पहुंच जाता है ।
लेकिन इसकी जांच आज तक हो नहीं पाई है, जांच हुई भी है , गोदाम पर 4000 से लेकर 4500 तक चावल के कट्टे पकड़े भी गए हैं। गोदाम पर एक पीसीएस अफसर द्वारा छापा मार कर चावल के कट्टों में 50 किलो की जगह 40 किलो से लेकर 45 किलो तक ही चावल पाया गया है। जबकि गोदाम पर राशन तोलने के लिए कांटा तक नहीं था। लेकिन प्रशिक्षित पीसीएस ने बाहर से कांटा मंगवाकर जब चावल तोला तो वह खुद ही हक्का बक्का रह गया, की जब हर कट्टे में 40 से 45 किलो चावल एक कट्टे में इन राशन विक्रेताओं को दिया जाएगा तो यह चावल कहां से पूरा करके राशन लेने वालों को देंगे।लेकिन हुआ आज तक इनका कुछ नही।








