चंपावत। जिला बार संघ चंपावत की एक आपात बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता बार संघ अध्यक्ष एडवोकेट राम सिंह बिष्ट ने की। बैठक में अधिवक्ताओं ने न्यायालयों की कथित कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराज़गी जताते हुए कुछ न्यायिक अधिकारियों पर कथित तानाशाही रवैये का आरोप लगाया। अधिवक्ताओं का कहना था कि जिला जज अनुज संगल द्वारा अधीनस्थ न्यायाधीशों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखा जा रहा, जिससे न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहा है। बैठक में यह भी आरोप लगाया गया कि हाल ही में सीजेएम निहारिका मित्तल द्वारा बार संघ अध्यक्ष के साथ की गई कथित बदसलूकी की शिकायत जिला जज से दो बार किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बार संघ का कहना है कि इससे सीजेएम द्वारा मनमाने तरीके से कार्य किया जा रहा है और वादकारियों को न्यायालय में समय, सुनवाई और बैठने जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 22 दिसंबर को लोहाघाट स्थित आईटीबीपी बटालियन में प्रस्तावित विधिक शिविर का बहिष्कार किया जाएगा। बार संघ अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि बहिष्कार के बावजूद यदि कोई अधिवक्ता शिविर में भाग लेता है तो उसके विरुद्ध बार से निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट सुनील खर्कवाल, द्वारिका प्रसाद, गिरीश उप्रेती, सुरेश जोशी, अशोक चौधरी, मनोज राय सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे।






